An Emotional Story In Hindi Ritika Patel

  बच्चा समझ कर जब देवर को मैंने अपने बिस्तर पर सुला लिया फिर उसने मेरे साथ वह किया जिसे सुनकर आपका भी होश उड़ जाएंगे मेरा नाम शिवानी है और मेरी उम्र 24 साल है मेरे पति दूसरे शहर जा रहे थे Ahmedabad Escorts Services जब उन्होंने खासकर मुझे बोला कि मेरे छोटे भाई का ख्याल रखना वह सिर्फ 12 साल का था मैं मान गई अब मैं उसे रोज स्कूल छोड़ने जाती और लेने भी आती और रात को वह अरे ही कमरे में सोता जब एक दिन मेरी मुलाकात उसके सर से हुई तो मैं यह देख कर डर गई कि वह मेरा पुराना आशिक था मैं घर वापस तो आ गई लेकिन यह बात मेरे देवर को पता चल गई और वह अब मुझे बर्बाद ब्लैकमेल करता कि वह भाई को बता देगा अगर मैं उसकी एक शर्त पूरी नहीं की तो मैं समझी कि वह मुझसे पैसे मांगेगा या फिर कोई चीज लेकिन मेरी जान निकल गई जब उसने मुझसे कहा अभी चौथा महीना हुआ था जिंदगी बहुत ज्यादा हंसी खुशी गुजर रही थी घर में हम सिर्फ तीन ही लोग थे मेरा पति और मेरा देवर एक दिन मेरे पति को जॉब के सिलसिले से बाहर दूसरे शहर जाना पड़ा और वह मुझसे कह कर गए कि मेरे भाई का ख्याल रखना और मैं अपनी मोहब्बत का इम्तिहान दिया और मैं अपने देवर का बहुत ख्याल रखती थी क्योंकि वह बच्चा था

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और मुझे शुरू से बच्चों से बहुत ज्यादा मोहब्बत थी मैं उसे खुद ही स्कूल छोड़कर आती और फिर छुट्टी के वक्त खुद ही उसे लेकर आई स्कूल मेरे घर से ज्यादा दूर नहीं था मुझे आने और जाने में बस 20 मिनट ही लगते थे लेकिन मैं इस बात से हैरान थी कि यह बड़ा हो रहा है लेकिन मेरे पति को न जाने क्या परेशानी थी वह तो यह बात समझते ही नहीं थे कि मेरा भाई अब बड़ा हो गया है उसे खुद अपना ख्याल रखना चाहिए कभी कभी तो मुझे ऐसा लगता था कि उन्हें किसी से कोई खतरा है तभी वह भाई को ऐसे छुप छुप कर रखते हैं लेकिन मैं इस बात पर कोई ज्यादा बहस नहीं की और फिर मैं अपने पति का ख्याल रखते हुए मैंने अपने देवर का ख्याल भी ऐसे ही रखना शुरू कर दिया जैसे मेरे पति रखते हैं जैसे वह कोई छोटा बच्चा है Service Call Girls Ahmedabad मैं जब एक दिन उसे स्कूल छोड़ने गई तो कोई स्मार्ट इंसान अंदर स्कूल में जा रहा था उसे देख कर तो मेरे पैरों तले जमीन निकल गई क्योंकि वह कोई और नहीं वह तो मेरा पुराना आशिक था यह यहां कैसे यह कथा कुछ साल पहले तो फिर यह कैसे और वह भी जिंदा सही सलामत मेरे सामने कैसे खड़ा है


मैं तो बहुत ज्यादा शौक हो गई थी यह सब कैसे हो गया मैं तो कभी सोचा भी नहीं था कि मेरी और उसकी मुलाकात यहां पर ऐसे बीच रास्ते में हो जाएगी ऐसे मोड़ पर वह मेरे सामने ऐसे कैसे आ सकता है वह मुझे इस तरह से कैसे मिल सकता है नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता बिल्कुल भी नहीं हो सकता वह तो एक हाथ से मैं इस दुनिया से इससे आगे कुछ सोचा ही नहीं गया और मैं अमन मतलब कि अपने देवर को लेकर अपने घर आ गई और जब मैं घर आए तो मेरे पसीना छूटे हुए थे Escorts Girls Number Ahmedabad अमन मेरे पास आया और आकर पूछने लगा की भाभी तुम्हें क्या हुआ है जब मुझसे पूछ रहा था तो उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट थी मैं जल्दी से अपना चेहरा नीचे कर लिया ताकि उसे मेरा राज पता ना चल जाए वह अभी तक मेरे पास ही खड़ा था उसने मुझे अपनी दिया मैंने उसके हाथ से पानी का गिलास ले लिया लेकिन जैसे ही मेरी नजर उसके चेहरे पर पड़ी तो मेरे हाथ से पानी का गिलास दूर जाकर गिरा क्योंकि अमन के देखने का अंदाज बिल्कुल भी ऐसा नहीं था कि मैं यह समझो कि यह कोई 12 साल का लड़का है वह बहुत ही ज्यादा प्यासी नजरों से मुझे देख रहा था मैं इतनी ज्यादा बेचैन हो गई थी कि मैं उसका हाथ बाजू से पकड़ कर उसे कमरे से बाहर निकाल दिया और अपने कमरे की कुंडी लगा दी मैं जब बेड पर बैठी हुई थी तो मेरा जी बहुत बुरी तरह से काप रहा था मेरे लिए यह बात बर्बाद से बाहर थी


कि मैं एक 12 साल के लड़के से इस कदर डर गई हूं लेकिन मैं क्यों डर रही हूं मैं कोई जम नहीं किया कि मैं इस तरह से डरूं मैं अपने दिल में खुद ही सोच और फिर खुद ही अपने दिमाग से निकाल कर फेंक दिया फिर ये सोच मुझे परेशान करने लगी कि आखिर क्यों मैं उसे इतना घबरा रही हूं मैं अपने दिल को थोड़ी तसल्ली दी और फिर मैं कमरे से बाहर निकल गई अमन भी घर से बाहर निकल चुका था मैंने हिम्मत की और मैं घर के कामों में लग गए अब घर में जब दो ही लोग हो तो क्या ही काम होगा बिल्कुल थोड़ा सा मैंने अपने अतीत की एक बात को याद किया और सोचा कि मेरे पिता सही कहते थे कि जहां पर सिर्फ दो लड़के हो उसे घर में अपनी बेटी की शादी कभी मत करो लेकिन मेरी मम्मी ने एक नहीं मानी थी Hot Girls Service Number Ahmedabad और मेरी शादी यहां पर कर दी थी अब मुझे अपने पापा की वह बातें बहुत ज्यादा याद आती है उसे वक्त किसी ने समझ लिया होता तो आज हालात बिलकुल अलग होते मेरी शादी जब मोहन से हुई तो वह मेरा बहुत ज्यादा ख्याल रखते थे और अब तक रखने आए थे लेकिन जैसे जैसे वक्त गुजरता गया घर के हालात को देखते हुए उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी जिसकी वजह से वह पहले वाली नौकरी छोड़ चुके थे


और अब उन्होंने जब दूसरी नौकरी ज्वाइन कर ली थी तो ज्वाइन करे हुए कुछ ही दिन हुए थे और उन्हें शहर से बाहर जाना पड़ा लेकिन वह जब शुरू शुरू में शहर से बाहर जाते थे तो वह जल्दी ही घर वापस आ जाते थे वह हर रात को वापस आ जाते थे लेकिन इस बार उन्हें कुछ ज्यादा दिनों के लिए ही जाना था इसलिए मुझे कुछ डर सा लगा पहले तो मैं उनसे यही कहा था कि जाने की कोई जरूरत नहीं लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि जाना तो बहुत जरूरी है क्योंकि यह मेरी पक्की नौकरी तो नहीं जिसके लिए मैं उन्हें मना कर सकूं इसलिए मुझे हर हाल में जाना पड़ेगा मैं क्या कर सकती थी Female Escorts Ahmedabad अब तो मम्मी भी इस दुनिया में नहीं थी जो उनको अपने पास बुला लो भाभी और बहाने सब अपने अपने घरों में बिजी थी बुलाती इसलिए मैं चुप करके अपने पति का इंतजार करने लगी लेकिन मुझे क्या पता था कि वह कुछ दिन शहर से बाहर गुजरेंगे तो मेरी जिंदगी इतनी ज्यादा मुश्किल हो जाएगी एक दिन अपने देवर को स्कूल छोड़ने गए तो वह वहीं पर खड़ा था और मुझे देखता रह गया यह बात मेरे देवर ने नोट कर ली थी मैं जल्दी से स्कूल के अंदर गई क्योंकि आज मेरे देवर के स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी आप बेचारी मेरी सास तो थी ही नहीं इसलिए मैं उसकी मां की सूरत में उसके स्कूल वालों से मिलने के लिए चली गई जैसे ही मैं मीटिंग रूम के अंदर गए वह मेरे बिल्कुल सामने बैठा हुआ था उसकी नजर मुझ पर पड़ी तो वह जल्दी से खड़ा हो गया उसके चेहरे की मुस्कुराहट तो वही थी जो कुछ साल पहले थी सब कुछ वैसा ही था वह बिल्कुल भी तो नहीं बदला था शिवाय इसके कि अब उसके चेहरे पर थोड़ी उदासी छाई हुई थी वह बचपन अब नहीं था मैं जल्दी से चेहरा नीचे कर लिया लेकिन शायद देर हो चुकी थी वह पता नहीं कितनी देर तक मुझे ऐसे ही देखता रहा तभी अमन ने उसे सर का कर उसका ध्यान मेरी तरफ से हटाया उसने बोला सर यह मेरी भाभी है


अमन ने मेरा इंट्रो करवाया तो वह थोड़ा होश में आया और बहुत इज्जत के साथ मुझसे बात करने लगा मैं बहुत ज्यादा कंफ्यूज थी पता नहीं क्यों मैं फिर से अपने अतीत में जा चुकी थी अमन ने उसकी नजरों से पता नहीं क्या से क्या समझ लिया था मैंने बस थोड़ी बहुत बात की और फिर अमन से कहा कि अब घर चलो घर में काफी कम है लेकिन पता नहीं कब उसके सर ने हमारे लिए खाने पीने का सामान मंगा लिया अमन खाता जा रहा था और कहता जा रहा था Women Escorts Girls Ahmedabad कि भाभी आप मेरे साथ रोज आ जाया करें सर ने तो आज बहुत मौज ही करवा दी है मैंने हिम्मत करते हुए सिर्फ धोनी वाले लिए और फिर उठ कर बाहर आ गई अमन काफी देर के बाद बाहर आया उससे पहले उसका वही कर मेरे पीछे आ गया था मैं तो खुद को पहले ही बताती हुई आ रही थी मैं जल्दी से ऑटो में बैठकर अमन को इशारा किया जो अपने दोस्तों के साथ खड़ा हुआ था हम लोग घर वापस आ गए घबराहट की वजह से मुझे सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी हो रही थी अमन घर आ गया और कहने लगा अच्छा तो भाभी क्या चक्कर था इस बात का मैंने उससे कहा कि क्या बात है अमन किस बारे में बात कर रहे हो तो कर हर्ष के बारे में बात कर रहा था कितने अच्छे हैं ना आप जानते हैं उन्हें पहले से मैंने कहा नहीं नहीं मैं तो नहीं जानती उनको मेरा तो उनसे दूर तक कोई तालुका नहीं अच्छा अच्छा भाभी रिलैक्स क्यों इतनी ज्यादा घबरा रही हैं मैंने कहा मैं तुम्हारे भाई की वजह से परेशान हूं वह पता नहीं कब वापस आएंगे मैं बहुत फिक्र से कहा और हाथ में पड़े हुए गिलास की वजह से वह महसूस हो रहा था बात करने के बाद वह मुझ पर गाने करते हुए हंस और कहने लगा कि भाई यहां नहीं है तो क्या बात कर हर्ष तो है ना उसने ऐसा इसलिए कहा कि मैं यह समझ सकू की वो हर बात जान चुका है मैं इतनी ज्यादा डर गई थी कि मैं उसके आगे हाथ जोड़ दिए कि भगवान के लिए किसी को भी मत बताना तो वह मुझसे कहने लगा कि यह तो मुझ पर है ना कि मैं इस राज को कब तक अपने दिमाग में रखता हूं लेकिन भाभी आपको देख कर लगता नहीं कि आप इस कदर मैं तो आपको बहुत सीधी साधी समझता था और आप लगती भी कुछ ऐसी ही है लेकिन आपने कैसे कैसे अपने जमाने में खिलाए हुए हैं


आप देखे कैसे पहन उठ रहे हैं और कैसे भेद खुल रहे हैं लेकिन कोई बात नहीं अगर आप मेरा एक काम कर देंगे तो मैं यह राज किसी को भी नहीं बताऊंगा लेकिन इसके लिए आपको मेरी एक शर्त पूरी करनी पड़ेगी मैं इतनी ज्यादा डर गई थी और इतनी बड़ी मुसीबत में फंस गई थी कि मैं उसकी सारी शर्त मानने के लिए हमें भर दी मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारी मंजूर है क्योंकि मेरे दिमाग में तो यही था कि वह मुझसे पैसे मांगेगा यह कोई कीमती चीज इसलिए मैं बहुत ज्यादा मौत हुई थी अमन तुम्हें जो कुछ चाहिए मुझे बताओ मैं तुम्हें दे दूंगी तरफ देखो भगवान के लिए किसी को नहीं बताना अमन ने कहा जी मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा लेकिन इस शहर को पूरा होने के बाद और वह शर्ट में आपको परसों ही बताऊंगा मैंने कहा आज ही बता दो क्योंकि मैं नहीं चाहती इस काम में और ज्यादा देर हो अरे भाभी मैं आज बहुत जरूरी काम से बाहर जा रहा हूं परसों तुम्हें जरूर बता दूंगा यह कल आप इतनी बेचैन ना हो यह कहकर वह बाहर चला गया और मुझे पूरी रात के लिए टेंशन में छोड़ गया खैर मैंने हिम्मत की और अपने काम की है कि इसी पर मोहन की कॉल आ गई और मेरा जिस बहुत बुरी तरीके से अपने लगा मुझे लगा कि शायद अमन ने उसे सब कुछ बता दिया बहुत देर रिंग बजाने के बाद मैंने उसकी कॉल नहीं उठाई और वह बोल बोलकर खुद ही बंद हो गया अमन पूरा दिन बाहर घूमने फिरने के बाद घर वापस आया तो मैं उसका इंतजार ही कर रही थी वह मुझसे कहने लगा की भाभी कर तो मैं आपको परसों ही बताऊंगा और मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर खाना खा लिया इसलिए आप जाकर अपने कमरे में सो जाएं भाई कल या परसों आ जाएंगे वह इस तरह एक्सप्रेशन से कह रहा था कि मैं उसकी उम्र और उसके स्वभाव का अंदाजा करने लगी मैं अपने कमरे में चली गई और रात भर टेंशन में ही रही ना मैं ढंग से खा सके और ना ही पी सकी न जाने मुझे ऐसा क्यों लगा कि साथ वाले कमरे में कोई बात कर रहा है हमारे घर में सारे कमरे ऐसे ही थे बराबर बराबर मुझे आवाज पहले से और ज्यादा आने लगी तो मैं अपने कमरे की दीवार की सुर्ख में से बातें सुनने की कोशिश की मेरे पैरों तले से तो जमीन ही निकल गए क्योंकि साथ वाले कमरे में मेरा देवर एक लड़की के साथ चिपक कर बैठा हुआ था


वह लड़की उसके बहुत ज्यादा करीब थी और वह उसके कान में बार बार कोई बात कह रहा था ये सिलसिला काफी देर तक चलता रहा पहले तो मेरा दिल कर की अभी जाकर इसका हाथ पड़कर इसके मुंह पर इतने थप्पड़ मारो कि जिन ना सके लेकिन फिर अगले ही पल मुझे यह सच परेशान करने लगी कि अमन बहुत ज्यादा चालाक है पहले इस औरत को इधर उधर छुपा दे और फिर अपने किए को मन ही नहीं कहे कि मैं तो कुछ नहीं कर इसलिए मैंने एक दो दिन इंतजार करने का सोचा कि मैं इसे अगर दोबारा इस हालत में देखा तो फिर मैं इसे कभी भी माफ नहीं करूंगी खैर बहुत ही मुश्किलों से यह रात गुजारी चल गुड फ्राइडे था इसलिए उसको स्कूल नहीं जाना था उसके स्कूल की छुट्टी थी इसलिए मैं भी बेफिक्र से सोई रही लेकिन जैसे ही मुझे याद आया तो मैं जल्दी से उठी और जाकर अमन को जगाया वह एकदम हड़बड़ा के उठ गया और कहने लगा की भाभी कम से कम छुट्टी वाले दिन तो मुझे आराम से सोने दिया करें कि मैं गरम गरम नाश्ता बनाने जा रही हूं तुम भी खा लो वह मेरे चेहरे की तरफ देखने लगा फिर वह मुझसे बिना कुछ कहे ही मेरे पीछे पीछे किचन में आ गया वहां एक स्टॉल पर बैठा और साथ ही जमाई के ऊपर जमाया लेने लगा मैंने उससे कहा कि क्या बात है रात भर सोए नहीं हो क्या मैं तो एक नॉर्मल सी बात की थी लेकिन वह मेरी बात का गलत मतलब ले गया और कहने लगा की भाभी रात को जागना तो आपका काम है किसी की यादों में मैं भला मासूम सा बच्चा क्या करूंगा रात को जाकर मैं उसकी इस बात पर बहुत ज्यादा शर्मिंदा हो गई और फिर और कोई बात ना कर सके वह बहुत मजे से नष्ट करने लगा और जब पेट भर गया तो वह मुझसे कहने लगा की भाभी मेरी बात सुनो आप यूं ही ना डर जाया करें बहुत अच्छी है आप और आप मेरी शर्ट सुन लीजिए मैं एक ही शर्त पर भाई को यह बात नहीं बताऊंगा अगर आप मेरी यह बात मान लेंगे और इसके बाद अमन ने मुझसे जो कुछ भी कहा वह सुनने की हिम्मत मैं कहां से लाई मैं किस तरह से वह बात सुनी और किस तरह से वह बात सही यह तो मेरा भगवान ही जानता है


वह तो मेरे साथ मैंने कहा अमन आखिर तुम्हें शर्म क्यों नहीं आई यह बात करते हुए आंसू मेरी आंखों से तेजी से बह रहे थे मैं लगातार उसको देखे जा रही थी भाजपा शर्मिंदा हो जाए यह समझने के काबिल हो जाए कि यह मेरी भाभी ही नहीं यह तो मेरी मां समान है मैंने उसे मां जैसा ही शुरू किया कभी देवर भी भाभी मां जैसे रिश्ते को समझ सकते हैं क्या वह कभी भी नहीं समझते इसलिए ही इस घटिया इंसान ने इतनी कम उम्र में इतनी घटिया बात कर दी थी मैंने उससे कहा तुम्हें अंदाजा भी है कि तुम क्या कह रहे हो उसने कहा कि हां मुझे अंदाजा है कह रहा हूं मैं वही कह रहा हूं जो आप सुन रहे हैं अगर आपने मेरी बात पर गौर नहीं किया तो आप इसके जिम्मेदार खुद होगी यह तो बिल्कुल वही बात हुई कि आगे कुआं और पीछे खाई अगर मैं उसकी बात नहीं मानती तो भी फस्ती हूं और अगर मान लेती हूं तो अभी मैं ही मरती हूं इसलिए बहुत सोचने समझने के बाद मैंने यह सोच लिया कि ऐसी जिंदगी से तो मोदी बेहतर है बेशुमार आंसू मेरी आंखों से बहते हुए मेरे गालों पर निकले और मैं यही कह रही थी भगवान मेरी मदद कर दे मैं क्या करूं मैं वही किचन के स्कूल पर बैठ गई कि आखिर में यह शर्ट कैसे मानूं मैं क्या करूं मैं यह सोचती ही रही लेकिन मैं कुछ समझ नहीं सकी और फिर मेरा खाना भी जल गया और ना मैं नाश्ता कर सकी और ना कुछ और मैं बस वही किचन में बैठी रोती रही अमन कहीं बाहर जा चुका था मेरे दिल से इसके लिए नफरत ही निकल रही थी दिन रात चैन स्कूल का कितना बड़ा दुश्मन बन चुका है भगवान इसे अकाल दे दे अभी से बाहर गए हुए कुछ ही देर हुई थी कि वह वापस आ गया और आकर कहने लगा की भाभी आपने क्या सोचा है मैंने कहा अमन यह सब तुम क्या कर रहे हो किस बात का बदला तुम मुझसे ले रहे हो भाभी जी आखिर किस बात का बदला मुझे तुमसे लेना है आप तो मेरी मां जैसी हैं


और फिर भला अपनी मां को कौन तंग करता है इसकी एक एक बात से शैतानियां झलक रही थी मेरा दिल चाह रहा था कि मैं इसका मुंह नाच कर रख दूं इसके गालों पर इतने थप्पड़ मारो की इस सब होश आ जाए कहने लगा भाभी जी फिर आज रात को तैयार रहना मैं आपका इंतजार करूंगा भगवान मुझे किस गुनाह की सजा मिल रही है कि भगवान दिन को और बड़ा कर दे रात कभी ना हो क्योंकि इस रात में तो मेरे मुंह पर कई हिमाल देनी थी क्योंकि इस कलंक की शाही से कुछ नहीं तो मेरे दिन के उजालों पर अंधेरा छा जाएगा मैं चुपचाप बैठी रही कि मैंने देखा दिन ढलने लगा है मतलब की रात होने में कुछ ही देर बाकी है मतलब कि मुझे मौत आने में कुछ ही देर बाकी हैं देखते ही देखते रात के 9:00 बज गए और मैं खाना बनाने लगी और खाना बनाकर मैं नहा धोकर भगवान से प्रार्थना करने लगी मैं अभी प्रार्थना करने खड़ी हुई थी के दरवाजे पर जोर जोर से 10 तक होने लगी इसलिए मैंने दरवाजे पर होने वाली दस्तक के परवाह किए बिना ही पूजा को चालू रखा 10 तक अब तक हो रही थी लेकिन मैं इस बात से बचने के लिए भगवान के सामने ही खड़े रहना चाहती थी अब दरवाजे पर होने वाली दस्तक रख चुकी थी और मैं पूजा भी कर चुकी थी की आवाज आई में तेजी से उठी और मैं अपने कमरे की कुंडी लगा दी दरवाजे पर अमन ही था उसके पास घर की डुप्लीकेट चाबी होती थी इसलिए वह घर में आ चुका था उसने मेरे दरवाजे को खूब खटखटाया लेकिन मैंने दरवाजा नहीं खोला बस उसकी आवाज आई की भाभी आप अपने लिए खुद मुसीबत इकट्ठा कर रही हैं


आपको अपना खुद ख्याल नहीं है तो कोई आपका ख्याल किस तरह से करेगा वह काफी देर तक दरवाजे पर खड़ा होकर बोल बोल कर चला गया लेकिन मैं भी सोच लिया था कि आज की रात में भी दरवाजा नहीं खोलूंगी देख लूंगी पूरी रात मैंने स्कूल से सो कर गुजरी और फिर सुबह उठते ही मैं किचन में गई और मैं अमन से कहा कि आज से तुम खुद ही स्कूल चले जाया करो क्योंकि मुझे बहुत सारे काम होते हैं वह मेरे मुंह की तरफ देख रहा था उसने मुझे एक भी शब्द नहीं कहा साथ में उसने अपना बैग उठाया और घर से बाहर निकल गया लेकिन मैं कुछ ही देर के बाद रास्ता बदल कर उसके पीछे ही चली गई क्योंकि मैं भी देखना चाहती थी कि किन कामों में पड़ा हुआ है और इसकी जान पहचान किन लोगों के साथ हैं क्योंकि उसकी जितनी उम्र थी उससे तो बहुत बहुत बड़े काम यह कर रहा था मैं उसके पीछे पीछे चल रही थी उसको पता नहीं था


कि मैं उसके पीछे आ रही हूं और मैं रास्ते को बदल बदल कर चल रही थी मैं उसके स्कूल पहुंची तो मैंने गार्ड से पूछा कि अमन स्कूल पहुंच गया तो वह मुझसे कहने लगा कि हां वह तो पहुंच गया है मैं कुछ मिसी होकर घर की तरफ लौट आए मैं घर की तरफ जब लौट रही थी तो सर हर्ष मुझे रास्ते में मिले और मुझसे कहने लगे कि तुमने मेरे साथ ऐसा आखिर क्यों किया वह मुझसे गुस्से में था और मेरी तरफ लगातार देख रहा था मैंने पहले तो तेरे से चलना शुरू कर दिया लेकिन जब उसे लगातार अपने पीछे आते हुए देखा एक जगह रुक गई और मैंने उससे कहा कि अगर अतीत नहीं बुलाया जाता तो उसे वक्त नहीं होना था और अब जब मैं अपने घर में बहुत ज्यादा खुश हूं तो तुम मुझे यह सब बातें क्यों करने की कोशिश कर रहे हो तो मैं क्या लगता है कि तुम्हारी यह सब करने से मैं अतीत में चली जाऊंगी तो ऐसा कभी नहीं होगा यह तुम्हारी भूल है मैं उसे जल्दी से सुना कर और तेजी से चलती हुई अपने घर की तरफ आ गई और घर में आ गई मैं बहुत हैरान हो गई कि दरवाजे पर लगा ताला अब दरवाजे पर नहीं था मैं घर में गई तो मुझे यह देख कर बहुत ज्यादा खुशी हुई कि घर में मोहन खड़े थे लेकिन वह हमेशा की तरह मुस्कुरा नहीं रहे थे वह थके हुए थे लेकिन मैं एकदम से जाकर उनके सीने से लग गई वह जल्द ही मुझे एक तरफ करके कमरे में चले गए मैं उनके इस व्यवहार से बहुत ज्यादा परेशान हुई कि अचानक क्या हो रहा है


एकदम से मेरे दिमाग में आया कि अमन ने शायद इन्हें कुछ गलत बताना दिया हो वह नहा कर जब बाहर निकले तो मैं उनसे कहा कि मैं नाश्ता बन चुकी हूं आ जाओ कर लो तो उन्होंने बहुत ठंडी लहर जैसे जवाब दिया कि मैं नाश्ता करके आया हूं मैं उनके करीब जाकर पूछ कि मोहन कुछ हुआ है क्या तो वह मुझसे कहने लगे कि नहीं अभी कुछ हुआ तो नहीं लेकिन बहुत जल्द बहुत कुछ होने वाला है तुम जो मौज करो मैं टिप टिप रोने लगी और यह सोचने लगी कि भगवान किसी भी तरह मेरे अजीत से मेरा पीछा छुड़ाने मैं नहीं जानती कि मेरे कौन कौन से पाप इतनी ज्यादा हैं जिसकी वजह से मुझे ऐसी सजा मिल रही है अमन के आने पर मोहन का मूड बिल्कुल ठीक था और वह उसे हंस हंस कर बातें कर रहे थे मेरे दिल में अमन के लिए बहुत ज्यादा नफरत आ चुकी थी यह लड़का मेरे लिए बहुत बड़ा बवाल बन चुका था मोहन ने मुझसे कहा कि अब मैं आ गया हूं तो कुछ दिन के लिए अच्छा रहेगा कि तुम अपनी मम्मी के यहां पर हो करो लेकिन मैं क्यों जाऊं अभी तो आप घर वापस आए हैं मुझे कहीं नहीं जाना लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था कि तभी शाम को मेरे घर से कॉल आ गई की छोटी भाभी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है इसलिए मुझे जल्दी से वहां जाना होगा मोहन मुझे वही मम्मी की तरफ घर के बाहर उतार कर वापस आ गए लेकिन मैं जैसे ही घर में गए तो सामने बैठे इंसान के ऊपर जब मेरी नजर पड़ी तो मेरी तो शशि रुक गई सामने सोफे पर ही हर्ष बैठा हुआ था उसने मुझे नहीं देखा था लेकिन मैं जल्दी से दौड़ती हुई भाभी के कमरे में आ गई जहां पर भाभी बिल्कुल ठीक बैठी हुई मुस्कुरा रही थी यह क्या भाभी जब आप बिल्कुल ठीक है तो आपने ऐसा मजाक करके मुझे यहां क्यों बुलाया आदमी नहीं बैठा यह मेरी बहन के रिश्ते के लिए आया है मैंने इसे यहीं पर ही बुला लिया ताकि तुम्हारे भाई इसे खुलकर मिले और साथ ही एक दूसरे से बात कर ले क्योंकि उसके माता-पिता नहीं हैं और इसे जो कुछ करना है


खुद ही करना है भाभी बहुत ही ज्यादा खुश होकर बता रही थी मैं उनके मुंह की तरफ देख रही थी रिश्ता करना है तो मुझे यहां पर बुलाने का क्या मकसद बनता है मैं सच में भाभी से नाराज हो चुकी थी इसलिए कोई भी बात नहीं कर रही थी वह मुझे मनाने की लगातार कोशिश कर रही थी लेकिन मैं एक तरफ मुंह बनाकर बैठ गई कुछ देर बाद ही भाई ने हम सब से कहा कि खाना लगे खाते हुए भी खाना लगाया और इस पर मुसीबत वह खाना वहां उसके साथ बैठकर खाना भी पड़ा हर्ष की नजरे लगातार मुझे ही देख रही थी तो मैं बहुत ज्यादा परेशान हुई अभी हम खाना खा ही रहे थे कि अमन और मोहन वह दोनों भी यहां आ गए अरे वह यहां तो बड़ी पार्टी हो रही है वह भी हमारे बिना ही अमान्य आते ही पनीर उठाया और उसे कहते हुए ऊंची आवाज में सबसे बातें करने लगा जब यह दोनों आए थे तब हर्ष वॉशरूम में चले गए थे लेकिन अमन उनको देख चुका था और लगातार इंतजार में था लेकिन हर्ष जा चुका था उसे कुछ जरूरी काम था मोहन और अमन को भी भाई ने ही बुलाया था वह आज सबको सरप्राइज दे रहे थे मेरी तो जान पर ही बनी हुई थी अमन और मोहन जा चुके थे और मोहन मुझसे कह कर गए थे कि मैं अभी कुछ दिन और यहीं पर रहूं मैं अगले कुछ दिनों तक यहीं पर रही और भाभी के साथ जाकर शॉपिंग करती रही भाभी की हर बात हर से शुरू होती और जाकर हर्ष पर ही खत्म होती क्योंकि वह बहुत ज्यादा खुश थी और साथ में वह तारीफ भी करती रहती थी एक दिन हम शॉपिंग कर रहे थे तो भाभी को याद आया की साड़ी के मैचिंग का ब्लाउज तो वह दुकान पर ही छोड़ कर आ गई मेरे पास बहुत ज्यादा सामान था इसलिए मैं वहीं पर एक साइड में सारा सामान लेकर बैठ गई और भाभी से कहा कि आप जाएं और सारा सामान उठा कर ले आए भाभी चली गई और मैं वहीं पर एक ही तरफ होकर बैठ गई एहसास हुआ तो वह हर्ष ही था मैंने उससे कहा कि तुम क्यों लगातार मेरा पीछा कर रहे हो क्या चाहते हो तुम तो वह कहने लगा मैं तुम्हारे पीछे क्यों आऊंगा वह कहने लगा तुमने क्यों अपने आप को ऐसे डर में बंद कर लिया है कि जहां आसपास तुम्हारा सिर्फ परेशानियां ही हैं वह मुझे बहुत हेल्प से यह सवाल पूछ रहा था ना जाने कब के रुके हुए आंसू मेरे उसके लिए पूछने पर झलक पड़े वह आगे बढ़ा और मुझे एक टिशू दिया मुझे पता नहीं कि मैं किस अंदाज से वह टिशु पड़ा और फिर मैंने उसे अपने आंसू साफ किया खुशी देर में भाभी भी आ गई मुझे नहीं पता उन्होंने देखा या नहीं लेकिन उन्होंने मुझे कुछ सवाल नहीं किया वह चुपचाप होकर मेरी तरफ देखते रही मेरी सजी हुई नाक और आंखें उन्हें बहुत कुछ बता रही थी भाभी ने मुझे बहुत प्यार से पूछा कि क्या हुआ है


मैं बहुत शांति से जवाब दिया की मम्मी पापा की बहुत ज्यादा याद आ रही है उन्होंने मुझे गले से लगाया और अपने साथ लेकर चल पड़ी आज की शॉपिंग इतनी ही थी क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी जब हम लोग घर पहुंचे तो भाई की बहुत ऊंची आवाज में बात करने की आवाज आ रही थी जैसे कि वह किसी से लड़ाई कर रहे हैं हम लोग एकदम अंदर गए तो अंदर मोहन बैठे हुए थे और वह मेरे बारे में ही कुछ उल्टा सीधा कह रहे थे कि मैं उसके भाई का ख्याल ठीक से नहीं रखती हूं और मैं बहुत लापरवाह हूं भाई से यह बात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हुई और वह मेरी तरफ बड़े और पूछने लगे कि ये सब क्या है बच्चा भाई हमेशा मुझे बच्चा कहकर ही बुलाते थे अरे यह क्या बताएगी हमारी तो किस्मत ही खराब थी जो हमने इसे अपने घर में जगा दी बस ऐसे ही रखें अब अपने घर में मेरा इसके साथ आप कोई रिश्ता नहीं मैं एकदम से जब मोहन की यह बात सुनी तो मैं भाई से कहा कि अभी इसी वक्त आप अमन को फोन करके बुलाई भाई ने एकदम कॉल करके अमन को बुलाया और वह कुछ ही देर में यहां पर आ गया कुछ देर बाद अचानक से हर्ष भी घर आ गया था उसे मेरे भैया ने बुलाया था जैसे ही हर्ष घर में आए तो उनकी नजर मोहन पर पड़ी जब उन्होंने हर्ष को देखा तो दोनों के आंसू एकदम झलक पड़े मोहन आगे बड़े और हर्ष को गले से लगा लिया यह तो मेरा भाई है जो कुछ साल पहले कहीं गायब हो गया था और अब यह एकदम से यह में चले गए जहां उन्हें एकदम से सब कुछ याद आने लगा वह कहने लगे कि जब मम्मी का देहांत हुआ तब मैं उसे वक्त आर्मी जॉइन कर चुका था और आर्मी वालों की नौकरी ऐसी ही होती है कभी यहां तो कभी वहां और जब एक दिन मेरी ट्रेनिंग खत्म हुई तो मुझे बॉर्डर के बिल्कुल पास तैनात कर दिया गया वहां अलर्ट का निशान तो लगा हुआ था लेकिन मुझे रात के अंधेरे में पता नहीं लग सका आज फिर मैंने बॉर्डर क्रॉस कर लिया दूसरे मुल्की कैद में जाम पड़ा चल रहा वहां के 5 साल मेरे लिए 500 साल के बराबर थे क्योंकि बहुत ही ज्यादा बुरी क्या थी रोज जुल्म होते थे और फिर मैं अपनी चैन उतर कर एक दोस्त को दी कि अगर मैं यहां मर गया तो यह चैन मेरे देश मेरे पापा के पास पहुंचा दे और उसके लिए हुई कि मुझे पहले वह वहीं पर मर गया और बस अखबार में उसके मरने की खबर दे दी गई और उसमें उसकी चेन को बहुत जूम करके दिखाया गया मेरे घर वालों ने जब यह खबर पड़ी तो रोक पीट कर मुझ पर सबर कर बैठे हमारे चाचा और तू तो बहुत खुश थे कि चलो एक बेटा तो गया अब सारी रात के बारिश हम सब खुद ही होंगे इसलिए वहां मेरा एकदम से उन सब के सामने आ जाना खतरे से खाली नहीं था इसलिए मैं किसी के सामने नहीं आया लेकिन मेरे पापा ने वही बॉर्डर के पास ही डेरा लगा लिया क्योंकि वह यह समझते थे कि मैं जिंदा हूं और एक उनकी दुआओं ने मुझे जिंदा रखा उनकी कैद से के पास एक झुग्गी में रहते थे उनका हुलिया अभी तक ऐसा ही था कि मैं टाइम बाद उनको एक नजर में पहचान सकता था जब वह मेरे पास आए तो मैं उनको अपने साथ ही घर लेकर आ गया


अब इतने साल जेल में रहने के बाद और इतना जुल्म सहने के बाद असर होता है ना मैं अपने घर का पता पूरी तरीके से भूल चुका था और पापा की भी बुढ़ापे की वजह से और साथ में की वजह से यदस्त काम हो गई थी फिर मैं भटकते हुए वापस अपने शहर में आ चुका था जहां मैं एक स्कूल में पढ़ना शुरू कर दिया वहां मैंने एक दिन अमन को देखा क्योंकि यह मेरी कैद के दौरान बहुत ज्यादा छोटा था लेकिन इसके गाल पर यह लाल निशान की निशानी बन गया और मैंने इसको पहचान लिया और फिर मैं इसे खूब दोस्ती की और मैं इसे सब कुछ बता दिया उसने मुझसे कहा कि मुझे हर सूरत में अपने साथ घर लेकर जाएगा फिर 1 दिन मैंने भाभी को देखा तो मुझे कॉलेज का वक्त याद आ गया जब हम एक दूसरे को पसंद करते थे अमन कहने लगा कि यही आपको अपने साथ घर लेकर जा सकती हैं और फिर मैं इस मेल मिला बढ़ाने की कोशिश की लेकिन पुरानी बातों की वजह से इस औरत ने मुझे जरा भी भाव नहीं दिया बल्कि उसने हमेशा ही मुझे बहुत की और फिर उसने अमन की भी कोई बात नहीं मानी पापा जी मेरे साथ ही हैं एकदम से पिछले कमरे से बहुत ही ज्यादा बूढ़े आदमी निकले और आते ही अपने तीनों बेटों को और मुझे गले से लगा लिया अब हम सब बहुत ही ज्यादा खुश थे लेकिन अमन की खुशी तो दुगनी थी क्योंकि वह सबसे छोटा होने की वजह से सबसे ज्यादा अपने मां पापा को मिस करता था लेकिन उसे मां तो नहीं मिल सकती लेकिन इतने सालों बाद उसके पापा उसे मिल गए थे फिर अमन ने अकेले में मुझसे बोला प्लीज भाभी मुझे भी आप माफ कर दो मैं भी आपको बहुत तंग किया है मैं तो आपके सिर्फ मजे ले रहा था और आपको डरा रहा था मुझे पता चल गया था कि उसे रात आपने मुझे उस लड़की के साथ देख लिया था मैं डर गया था कि कहीं आप मेरे बारे में सारी बातें भैया को ना बता दे मैं आपके दिल से इज्जत करता हूं और आप मेरी मां समान है फिर मैं भी अमन से माफी मांगी कि मैं भी तुम्हारे बारे में न जाने क्या क्या गलत सोच लिया था हम दोनों ने एक दूसरे को माफ कर दिया था

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